Poemsक्या अब भी मानव बदलेगा?Guest AuthorJune 4, 2021June 4, 2021 by Guest AuthorJune 4, 2021June 4, 202102563 कभी सिसकती बालाओं की, सुध लेती थी जनता सारी, आज चहकती अबलाओं की, चिता सजाने की तैयारी।। कब तक ऐसी दशा रहेगी? कब तक तांडव...