Legal Opinion“हिजाब”Guest AuthorMarch 8, 2022March 8, 2022 by Guest AuthorMarch 8, 2022March 8, 20220930 “हिला रहा है कौन आज बुनियादें बुलंदतर घरों को सोंचना होगा शरीफ मछलियाँ डरी डरी सी क्युं है, सभी समंदरों को सोचना होगा ||...
Featured Poemsअरे अभागे ! प्रेम करके तो देख !Guest AuthorFebruary 14, 2022February 14, 2022 by Guest AuthorFebruary 14, 2022February 14, 202201871 हिजाब पहना तो मारेंगे जींस पहना तो मारेंगे बुर्का पहना तो मारेंगे टाँगें दिखाई तो मारेंगे घूँघट हटाया तो मारेंगे बोली तो मारेंगे ! न...