Featured PoemsऔरतGuest Author30/09/202430/09/2024 by Guest Author30/09/202430/09/2024041 बढ़ाती हूँ क़दम फ़ौरन ही पीछे खींच लेती हूँ ये अंदेशा मुझे आगे कभी बढ़ने नहीं देता न-जाने लोग क्या सोचें न-जाने लोग क्या बोलें...